यदि बवासीर के कारण सूजन और दर्द बहुत ज्यादा हो, तो गुदा क्षेत्र पर बर्फ लगाएं। यह नसों की सूजन को कम करता है।
लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
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बाबासीर के दवाई विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनका काम विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। जलवायु नियंत्रक (वसोप्रेसिन) दवाएँ: ये दवाएँ रक्तदाब को कम करके बाबासीर के दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं। जलवायु नियंत्रक-निषेचक (डायरेटिक्स) दवाएँ: ये बवासीर के उपचार में आमतौर पर उपयोग की जाती हैं और शारीरिक तरीके से शांति दिलाती हैं।
बवासीर सभी उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन, यह स्थिति ५० से ६० click here वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में अत्यधिक सामान्य है।
यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज को दूर करता है।
छोटे बवासीर आमतौर पर थोड़े समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। जबकि बड़े और गंभीर बवासीर को ठीक होने में समय लग सकता है। इससे पीड़ित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि आहार में कुछ बदलाव करके और घरेलू उपचार की मदद से बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है। अगर लक्षण गंभीर हैं तो इसे
रात में सोने से पहले एक चम्मच अरंडी का तेल गर्म पानी के साथ लें। यह कब्ज को दूर करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
अश्वगंधा: शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और सूजन को कम करती है।
फल: पपीता, सेब, अमरूद, संतरा, और तरबूज जैसे फलों का सेवन करें।
हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा जैसे पंचकर्म, जात्यादि तेल, और जड़ी-बूटियों का उपयोग बवासीर को स्थायी रूप से ठीक करने में मदद कर सकता है।
नींबू और अदरक का रस समान मात्रा में मिलाएं। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
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आयुर्वेद के अनुसार, बवासीर को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: